राष्ट्रीय आवास बैंक की स्थापना राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम,1987,के तहत संचालन हेतु एक मुख्य एजेंसी के रूप में आवास वित्त संस्थानों को प्रोत्साहित करने तथा ऐसे संस्थानों को वित्तीय एवं अन्य सहायता प्रदान करने के लिए की गई है।
National Housing Bank (NHB) has been established under the National Housing Bank
Act, 1987 to operate as a principal agency to promote housing finance institutions
and to provide financial and other support to such institutions.
रा.आ.बैंक का शिकायत निवारण तंत्र,रा.आ.बैंक के असंतुष्ट पक्षों/आ.वि.कं.,के असंतुष्ट उपभोक्ताओं को एक सरल,तीव्र एवं किफायती तंत्र प्रदान करने के लिए है। यह असंतुष्ट व्यक्ति के लिए शिकायत का निर्णय/निवारण करने हेतु उपलब्ध मौजूदा न्यायिक या अर्ध न्यायिक मंचों को बदलने के लिए नहीं है। अत: शिकायतकर्ता को किसी भी स्थिति में यानी शिकायत के लंबित होने के दौरान या जब शिकायतकर्ता परिणाम से संतोषजनक न हो तो भी उपरोक्त तंत्र का प्रयोग करने से पहले उपलब्ध मंच पर पहुंचने की स्वतंत्रता है।
NHB’s Grievance Redressal Mechanism is to provide a simple, speedy and cost effective
mechanism to the aggrieved parties of NHB/ customers of HFC. This in no way to substitute
the existing judicial or quasi-judicial forums available to the aggrieved person
to get the grievance adjudicated or redressed. The complainant, therefore, is at
liberty to approach the available forum at any stage i.e. even before resorting
to the above mechanism, during the pendency of the complaint or when the complainant
is not satisfied with the outcome.
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शिकायत पंजीकरण एवं सूचना डेटाबेस प्रणाली (ग्रिड्स),शिकायतकर्ता को ऑनलाइन पंजीकरण एवं शिकायत का पता लगाने की सुविधा प्रदान करता है।
Grievance Registration & Information Database System (GRIDS) facilitates online
registration and tracking of complaint for the complainant.
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ग्रिड्स न केवल हमारे शिकायत निवारण तंत्र में पारदर्शिता लाता है बल्कि रा.आ.बैंक/आ.वि.कं.द्वारा प्रत्युत्तरों के ऑनलाइन अद्यतन हेतु भी तैयार किया गया है।
GRIDS not only bring in transparency in our Grievance Redressal Mechanism,but also
designed for online updating of responses by NHB/HFCs.
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शिकायतकर्ता पंजीकरण एवं उसके पश्चात् स्थिति का पता लगाने के लिए अपेक्षित जानकारी जैसे नाम,संपर्क विवरण,आवेदन/जमा/खाता संख्या आदि प्रदान करके ग्रिड्स का उपयोग कर सकता है।
Complainant can make use of GRIDS by providing the required information like name,
contact details, application/ deposit/ account number etc. for registration and
subsequent status tracking.